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निरंकार की तर्ज पर अहंकार में चूर तिकड़ी कारखासी के काम को बखूबी दे रही अंजाम

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पनवाड़ी और महोबकंठ क्षेत्र में संचालित अवैध कामों को काली कार में सवार होकर संरक्षण दे रहे साहबों के खास

गुगली फेंक देव और चक्रवती को फ्रंट फुट में खेलने को मजबूर कर रहा शहर से वाया अजनर,पनवाड़ी पहुँचा कवि

महोबा
जनपद के पनवाड़ी और महोबकंठ में सक्रिय हुए कारखास विभागीय किरकिरी कराने से बाज नहीं आ रहे हैं। पनवाड़ी में सक्रिय कवि,चक्रवती और देव की तिकड़ी अवैध गुटखा व्यापार संचालन से लेकर अवैध खनन,अवैध खनन परिवहन,अवैध पेड़ों की कटान,गाँजा और शराब के काले कारोबार को अंजाम देने वाले माफियाओं से साँठ-गांठ कर लाखों रुपये के वारे न्यारे कर रही है। उक्त तिकड़ी के द्वारा की जा रही कारखासी के दौरान पीड़ित एवं अवैध कामों में लिप्त माफियाओं से धन उगाही की गोपनीय जाँच करा ली जाए तो इन खासों के द्वारा की जा रही वसूली की कहानी खुलकर सामने आ जाएगी। इस तिकड़ी में शामिल कारखासों की आय और खर्चो की जाँच करा ली जाए तो इनके नबाबी शौक की पोल भी खुलकर सामने आ जाएगी। सूत्र बताते हैं कि यह तिकड़ी आएदिन सीमावर्ती हमीरपुर जिले के राठ और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती छतरपुर जिले के हरपालपुर कस्बा में घूमती नजर आती है। सूत्रों द्वारा बताया गया है कि क्षेत्र में संचालित अवैध गुटखा व्यापार अहंकार में चूर निरंकार एवं इस तिकड़ी के संरक्षण में बेरोकटोक हो रहा है। पनवाड़ी में सक्रिय तिकड़ी काली फ़िल्म चढ़ी,काले कलर की बिना नंबर वाली कार चौबीसों घंटे खुलने वाली कस्बा के तिगैला में स्थित चाय की दुकान में ज्यादा देखी जाती है। सूत्र बताते हैं कि इसी दुकान में अवैध गुटखा संचालन में लिप्त माफियाओं से बैठक कर अधिकारियों की लोकेशन देने का काम किया जाता है। बताते चलें कि कुलपहाड़ सर्किल क्षेत्र में सक्रिय हुए कारखासों के संरक्षण में अवैध गुटखा का व्यापार धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। पूर्व में की गई कार्यवाही के बाबजूद फिर से सक्रिय हुए नए कारखासों द्वारा महकमे की किरकिरी कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। महोबकंठ और पनवाड़ी में सक्रिय हुए कारखासों के माफियाओं को संरक्षण देने की चर्चा आमजनमानस में सुर्खियां बटोर रही है। बताते चलें कि मध्यप्रदेश के सीमावर्ती छतरपुर जिले के हरपालपुर और नौगांव से गुटखा माफियाओं द्वारा कारखासों के संरक्षण में  महोबकंठ और अजनर के रास्ते प्रतिबंधित तम्बाकू मिश्रित गुटखा की तस्करी कर गुटखा की खेप पनवाड़ी और जैतपुर लाई जाती है। बताते चलें कि पूर्व में पनवाड़ी और जैतपुर क्षेत्र के मंगरौल कला से लाखों रुपये की कीमत का प्रतिबंधित तम्बाकू मिश्रित गुटखा की खेप पकड़ी जा चुकी है लेकिन समय के साथ कारखासों से हुए मैनेजमेंट के बाद गुटखा माफियाओं पर कार्यवाही एक सपने की तरह नजर आ रही है। सक्रिय तिकड़ी में शामिल कारखास शहर से वाया अजनर, पनवाड़ी पहुंचकर इस विशेष काम को बखूबी अंजाम दे रहा है। जबकि दूसरा कुलपहाड़ से पनवाड़ी पहुँच काली कार के मजे लेकर अवैध कामों में लिप्त माफियाओं का खास बना नजर आ रहा है।