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बांदा में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, अवैध मल्टीप्लेक्स, प्रशासनिक हेराफेरी और करोड़ो की साजिश

baanda mein krti ka bada khulaasa, avaidh malteepleks, yoonivarsal heraapheree aur karodo kee saajish

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कहानी वही स्क्रिप्ट वही नायक वही विलेन वही, बस जनता हर बार मूर्खन बुलडोजर चला, न जमीन खाली हुई पर पार्टी पक्की चल रही हैमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति ग्राउंड जीरो में हीरो टॉलरेंस में बदलीउत्तर प्रदेश के बांदा में जहां बाबा का बुल्डोजर गरजना था अब वहां बासू मिष्ठान की मिठास ने प्रशासन के कपड़े उतार दिए हैं। भू माफिया और बांदा ब्यूरोक्रेसी की ये स्क्रिप्ट किसी फिल्म से कम नहीं । सीएम योगी ने भेजा था भू माफियाओं को मिट्टी में मिलाने पर ये तो गांधी जी के नाम पर तीनों बंदरों के पर्याय बन गए।जनपद के नजरबाग क्षेत्र की लगभग 15 बीघे नजूल की जमीन में मयूर मल्टीप्लेक्स खड़ा हो गया साथ ही कई लोगों को जाल में फंसा कर इसकी बाकी जमीन नीलाम भी कर दी गई लेकिन बांदा विकास प्राधिकरण की लालच की पोटली ने रायता फैला दिया और मो आरिफ ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा दिया जिसके बाद मिठाई की हिस्सेदारी में एक और नाम जुड़ गया । अब बेचारे पीड़ित मो आरिफ कही बीडीए तो कही नगर पालिका तो कहीं डीएम कमिश्नर की ओर टुक टुकी लगाकर निहार रहे है कि शायद कोई तो उन्हें न्याय दिला देगा लेकिन भू माफिया वीरेंद्र राय की चासनी में डूबे बीडीए सचिव मदन मोहन वर्मा तारीख पर तारीख का झुन झुना पकड़ा रहे है वहीं गरीबों पर बुल्डोजर चलने वाली डीएम भू माफिया के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन की दुहाई दे रही हैं।वहीं नगरपालिका के एक दस्तावेज ने इस साजिश का बम फोड़ दिया है, जिसे पढ़कर यह लगा कि अफसरशाही को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए। जिस जमीन में मयूर मल्टीप्लेक्स बना है उसे सालों पहले साठ गांठ और साजिश के तहत हासिल किया गया था। जब बांदा ब्यूरोक्रेसी स्कैम आता है तो जनता जानती है कि ये महज घोटाला नहीं घोटालों का पावर पैक कॉम्बो ऑफर है।समाज सेवी प्रमोद आजाद ने कमिश्नर से शिकायत की और कहा चांदी के जूते से तो वो भी डरते हैं। कहा भ्रष्टाचार तंत्र में गोते लगा रहे प्रशासनिक तंत्र लोकतंत्र की परवाह नहीं करते ।