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बैरंग लौटे किसानों को समझाने गए अधिकारी

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अधिकारियों की अपील को ख़ारिज किसानों ने नहीं तोड़ा अनशन

आमरण अनशन तोड़ने को तैयार नहीं हुए अनशनकारी किसान

आमरण अनशन तोड़ने को तैयार नहीं हुए अनशनकारी किसान

कुलपहाड़/महोबा
मूंगफली खरीद में हुए भ्रष्टाचार के विरोध में किसानों के द्वारा किया जा रहा आमरण अनशन अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। अपर जिलाधिकारी न्यायिक,अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे एवं उपजिलाधिकारी कुलपहाड़ अनशन स्थल पर पहुंचे और अनशन कर रहे किसानों को मनाने का प्रयास किया मगर किसान  अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।
अकौना स्थित मूंगफली खरीद केंद्र में हुए भ्रष्टाचार से सैकड़ों की संख्या में किसान टोकन जारी होने के बाद भी तौल कराने से वंचित हो गए है। तौल न होने से परेशान किसानों के द्वारा आमरण अनशन किया जा रहा है। किसान नेता रामपाल उर्फ भगत जी के नेतृत्व में चल रहे अनशन को लेकर अपर जिलाधिकारी न्यायिक शिशिर कुमार,अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे मोइनुल इस्लाम, एसडीएम कुलपहाड़ अनुराग प्रसाद शनिवार को अनशन स्थल पहुंचे और अनशन कर रहे किसानों से बात कर अनशन समाप्त करने की अपील की। अधिकारियों के लाख समझाने के बाद भी अनशन कर रहे किसान जिद पर अड़े हुए हैं। बात न बनने पर अधिकारी बैरंग लौट आए। किसानों का आरोप है कि टोकन जारी करने के बाद भी किसानों की तौल नहीं कराई गई जबकि कर्मचारियों ने बिचौलियों से सांठ-गांठ कर व्यापारियों की मूंगफली की तौल करा  दी गई है। खरीद के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की एक के बाद एक कलई खुल रही है। अकौना के केंद्र प्रभारी और सचिव के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। इस मौके पर जय जवान जय किसान यूनियन के गुलाब सिंह राजपूत, मनोहर सिंह, चंद्रभूषण राजपूत, ओमप्रकाश, सूरज प्रसाद, सुरेश कुमार, कमलापत, फूलचंद्र, पवन राजपूत, निर्भाल सिंह सहित अन्य किसान मौजूद रहे।

शासन तक गूंजा भ्रष्टाचार का मुद्दा

मूंगफली खरीद केंद्र में हुई मनमानी को लेकर क्षेत्रीय विधायक ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। विधायक ने पत्र के माध्यम से कहा है कि मूंगफली केंद्र में किसानों को उनके हकों से वंचित किया गया है। कई दिनों तक खरीद केंद्रों में डेरा जमाने के बाद भी किसान तौल कराने से वंचित हो गए है। केंद्र प्रभारियों के द्वारा बरती गई लापरवाही से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी किसानों से तौल के ऐवज में 1500 रुपये प्रति कुंतल की रिश्वत की मांग केंद्र प्रभारियों के द्वारा की गई है। खरीद केंद्रों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई है। विधायक की पहल के बाद अन्य केंद्र प्रभारियों पर कार्रवाई का खतरा बढ़ गया है।