चक्रवर्ती और देव को फ्रंट फुट पर खेलने पर मजबूर कर रहा पनवाड़ी में गुगली डालकर स्पिन गेंदबाजी करता कवि
खरेला में वीण बजा रहा साहब का खास
महोबा
पुलिस अधीक्षक की सख्ती के बावजूद भी जनपद के थानों में एक बार फिर से कारखासी प्रथा जोर पकड़ने लगी है।जनपद के महोबकंठ,पनवाड़ी और खरेला में फिर से सक्रिय हुए कारखासों ने एक बार फिर से न्याय की आस में थाने पहुंचने वाले वादकारियों का आर्थिक शोषण करना शुरू कर दिया है। महोबकंठ में सक्रिय हुए निरंकार का अहंकार साफ तौर पर देखने को मिल रहा है,न्याय की आस में पहुंचे पीड़ितों का आर्थिक शोषण करना एवं अभद्रता करना ऐसे अहंकारी का पेशा बन गया है, जिसके चलते न्याय की आस में पहुंचे पीड़ित परिवारों को ही आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। सूत्र बताते हैं कि कमोवेश यही हाल पनवाड़ी का है जहां चक्रवर्ती और देव को आगे करके स्पिन गेंदबाजी करने का बोझ उठाने वाला कवि गुटखा माफियाओं से साँठ-गांठ कर प्रतिबंधित तंबाकू मिश्रित जहरीले गुटखा के काले कारोबार को अंजाम देने में सहयोग करता नजर आ रहा है। रात के अंधेरे में अवैध पेड़ों की कटान हो या फिर अवैध गुटखा व्यापार,शराब और गांजे के व्यापार में भी सक्रिय इस तिकड़ी की संलिप्तता सुनने को मिल रही है। सूत्रों का दावा है कि यह तिकड़ी थाना क्षेत्र में संचालित हो रहे अवैध कामों को अंजाम देने के ऐवज में मोटी रकम वसूल रही है,जिसके चलते न्याय की आस में पहुँचे फरियादियों को थाने से न्याय नहीं मिल पा रहा है। खरेला में सक्रिय हुए संरक्षण प्राप्त कारखास ने सरेआम वीण बजाना शुरू कर दिया है। न्याय की आस में पहुंचे पीड़ितों का आर्थिक शोषण करना थाने में सक्रिय वीण बजाने वाले इस खास का पेशा बन गया है। बताते चलें कि पूर्व में एसपी द्वारा अलग-अलग दो स्थानांतरण सूची कर वर्षो से एक ही थाने में जमे कई कारखासों को इधर से उधर किया था और कई को पुलिस लाइन यूपी 112 तक भेजा गया था। एसपी की सख्ती के बाद कुछ दिनों तक कारखासी प्रथा पर पूर्णता लगाम लग गई थी लेकिन समय के साथ एक बार फिर से इस प्रथा ने जोर पकड़ लिया है और न्याय की आस में थाने पहुंचने वाले पीड़ितों का आर्थिक शोषण सक्रिय हुए कारखासों द्वारा फिर से शुरू कर दिया गया है। देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है।