जिला पंचायत कार्यालय चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट जांच में उजागर हुआ करोड़ों का घोटाला
सदर विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष के बीच हुई तीखी नोक झोंक जिला पंचायत के भ्रष्टाचार की खुली पोल
जांच में लगभग 6 करोड़ की पाई गई अनियमिताएं क्या अब होगी जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल पर कार्यवाही
आपको बता दे पूरा मामला जिला पंचायत कार्यालय का है जहां अपने अपने चहेतो के काम को लेकर सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी और जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल में तीखी नोक झोंक हो गई उसी के चलते सदर विधायक ने जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार की मुहीम छेड़ दी वहीं महिला जिला पंचायत सदस्यों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आयुक्त को लिखित शिकायती पत्र सौंपा और महिला जिला पंचायत सदस्यों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग की वहीं सदर विधायक ने दिए गए शिकायती पत्र को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव तक पहुंचाया मुख्य सचिव ने संज्ञान लेते हुए बांदा आयुक्त को निर्देश दिए आनन फानन आयुक्त ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए की तीन सदस्यीय टीम बनाकर मजिस्ट्रियल जांच कराई जाए जब जांच रिपोर्ट सामने आई तो लगभग 6 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला जिला पंचायत बैरियल के ठेके में सामने आया और लाखों का घोटाला जनरेटर खरीद में सामने आया। वहीं जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि ठेकेदार शक्ति सिंह को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाया गया । जिसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल सहित टेंडर में शामिल टीम के अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है वहीं ठेकेदार से भी वसूली की प्रक्रिया चल पड़ी है । बड़ी बात यह है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के पास न जमी बची न आसमान बचा । कुल मिलाकर गेहूं के साथ घुन भी पिस गया। वहीं जब जांच रिपोर्ट सामने आ गई और भ्रष्टाचार का खुलासा हो गया इसके बाद शिकायत करने वाली जिला पंचायत सदस्य डीएम की चौखट पर आकर सफाई दे रही है कि उसने जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल की कोई शिकायत नहीं की है फर्जी दस्तखत बनाकर शिकायत पत्र पेश किया गया है लेकिन अब यहां कहावत वही साबित हो रही है कि जब चिड़िया चुग गई खेत तो हर जोते का हुई।
