उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में सत्ताधारियों और उनके गुर्गों का बालू प्रेम कम होने का नाम नहीं ले रहा है ये लोग बालू प्रेम में इतने अंधे हो जाते हैं कि अधिकारियों से भी अभद्रता करने में कोई गुरेज नहीं करते हैं ऐसा ही एक मामला जनपद के नरैनी विधानसभा से सामने आया है जहां नरैनी विधायिका ओम मणि वर्मा के पति पवन वर्मा ने एसडीएम की कार्रवाई में बाधा डालते हुए पकड़े गए बालू भरे ट्रैकों को छुड़वाने का दबाव डाला साथ ही घोर अभद्रता भी की इसके बाद विधायिका को एसडीएम से मिलकर मामला शांत कराना पड़ा। बड़ी बात यह है कि एसडीएम से अभद्रता करने वाले विधायिका के पति पवन वर्मा सरकारी कर्मचारी हैं और वर्तमान में अतर्रा तहसील में नियुक्त भी लेकिन सत्ता के नशे में डूबे तहसील के यह कर्मचारी अपने ही उच्च अधिकारी से गुंडागर्दी करने में नहीं चूके ऐसे कर्मचारियों को तो नौकरी से ही बर्खास्त कर देना चाहिए। विधायिका के पति पवन वर्मा का यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी इनके खिलाफ कई मामले सामने आ चुके हैं जो सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं।

आपको बताते चले कि यही बालू प्रेम के चलते चित्रकूट धाम मंडल बांदा की लोकसभा की दो सीटें बीजेपी हार गई। भाजपा के पूर्व सांसद आरके पटेल पर भी बालू को लेकर कई आरोप लगते रहे हैं। जिसके चलते लोकसभा में उन्हें अपनी सीट गवानी पड़ी। वहीं हमने एसडीएम नरैनी सत्य प्रकाश से फोन पर मामले की जानकारी ली जिस पर उन्होंने बताया कि वह अवैध परिवहन कर रहे ट्रैकों पर कार्रवाई कर रहे थे तभी विधायिका ओम मणि वर्मा के पति पवन वर्मा अपने गुर्गों के साथ आए और ट्रक छुड़वाने का दबाव बनाने लगे इसी दौरान उन्होंने अभद्रता भी की इतना ही नहीं उनके सुरक्षा कर्मियों के साथ गाली गलौज भी की इस दौरान वह ट्रक मौके से भाग गए इसके बाद वह थाने पहुंचे जहां पवन वर्मा ने माफी मांगी और भागे हुए ट्रैकों को वापस बुलाकर सुपुर्द किया एसडीएम सत्य प्रकाश ने बताया कि किसी प्रकार का कोई मुकदमा नहीं लिखाया गया है उनके ऊपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।