Home Uncategorized खान सुरक्षा महानिदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर को जाँच में मिली खामियां

खान सुरक्षा महानिदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर को जाँच में मिली खामियां

0

बिना सुरक्षा उपकरण के खनन कार्य करते मिले मजदूर

डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

रिपोर्ट-इमामी खां

महोबा जिले की पत्थर खदानों में नियमों को ताक पर रखकर खनन काम कराने और हादसों में श्रमिकों की मौत की शिकायत पर खान सुरक्षा महानिदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर राम बाबू अदरैला ने खनन क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए श्रमिकों के सुरक्षा मानकों की जांच की। पसवारा में पत्थर खदान में दो श्रमिकों की मौत के मामले में भी परिजनों से बात करते हुए फीड बैक लिया।

भारतीय मजदूर संघ द्वारा पत्थर खदानों में सुरक्षा मानकों में लापरवाही की शिकायत खान सुरक्षा महानिदेशालय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय गाजियाबाद से की गई थी। सोमवार को डीजीएमएस के डिप्टी डायरेक्टर रामबाबू अदरैला ने पसवारा पहुंचकर पहाड़ का निरीक्षण किया। सुरक्षा मानकों में लापरवाही मिलने पर नाराजगी जाहिर की। मजदूर संघ के जिला विस्तारक आशीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षा नियमों में लापरवाही से हादसा हो रहे हैं। डिप्टी डायरेक्टर ने रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने की बात कही है। निरीक्षण में पहाड़ में बिछाई गई विस्फोटक सहित अन्य सामग्री जांच के लिए एकत्र किए। निरीक्षण से खनन में लापरवाही बरत रहे पट्टा धारकों में हड़कंप मच गया है। इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के जिला प्रभारी कपिल कश्यप,उमेश सक्सेना आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

श्रमिकों को ब्लास्टिंग के काम में लगाया जा रहा

लंबे समय से पत्थर खदानों में सुरक्षा मानकों के पालन में लापरवाही बरती जा रही है। पहाड़ों में ब्लास्टिंग के लिए प्रशिक्षक रखने के प्रावधान के बाद भी पट्टा धारक श्रमिकों को ब्लास्टिंग के काम में लगा रहे हैं। लापरवाही से विस्फोट के काम में लगे श्रमिकों की कई बार जान भी जा चुकी है। मजदूरी के लालच में श्रमिक जान जोखिम में डालकर मजदूरी कर रहे हैं। सुरक्षा नियमों का पालन कराने के लिए हर माह अधिकारियों की टीम जांच करती है। मगर सुरक्षा मानकों में बरती जा रही लापरवाही अधिकारियों को नजर नहीं आ रही यह बात लोगों को समझ में नहीं आ रही है।

ग्रामीणों ने की पट्टा निरस्त कराने की मांग

पसवारा में पहाड़ में विस्फोटक सामग्री में हुए विस्फोट से दो श्रमिकों की मौत के बाद ग्रामीण आग बबूला हैं। ग्रामीण मूलचंद्र, हल्के, लालाराम,तेजराम, राजेश, विनय,अच्छेलाल, बाबू राजरानी, गीता,कालीचरण, सुखिया, गेंदारानी, ललिता, केशकली, भूरी, सियारानी आदि ग्रामीणों ने कहा कि गांव में बस्ती के पास पहाड़ स्थित है। पहाड़ में विस्फोट का समय निर्धारित नहीं है। विस्फोट से पत्थर उछलकर गांव तक पहुंच जाते हैं,जिससे बच्चों के चुटहिल होने का खतरा रहता है। शिकायतों के बाद भी पट्टा बंद नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने पट्टा बंद कराने की मांग की है। ग्रामीणों के हंगामा करने के बाद श्रम प्रवर्तन अधिकारी महंत प्रजापति ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों की शिकायतों को सुना। ग्रामीणों ने गांव की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे पहाड़ को बंद कराने के लिए विरोध प्रदर्शन किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पट्टा धारक पूरे मामले को दबाने की फिराक में है। ग्रामीणों और मृतक के परिजनों को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है। हादसे में 30 वर्षीय सलीम और 30 वर्षीय नारायण निवासी मकरबई की मौत हुई है जबकि मकरबई निवासी हसन और चरखारी के बमरारा निवासी शिवम घायल हो गए हैं। घायलों में हसन की हालत नाजुक बनी हुई है।

दो मौतों के बाद भी नहीं बंद हुआ खनन का काम

पसवारा गाँव स्थित पहाड़ में हुए विस्फोट के बाद भी गांव में खनन बंद नहीं हुआ। जिसका ग्रामीणों को मलाल है। ग्रामीणों का आरोप है कि पूरे गांव में दो मौतों के बाद शोक की लहर छा गई है मगर दो मौतों के 24 घंटा बाद खनन शुरु हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफियाओं को श्रमिकों की सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं है। खदान में ही पट्टा धारक ने श्रमिकों के परिजनों से मुलाकात की बाद में पट्टा धारकों ने परिजनों से दूरी बना ली।

पट्टा धारकों के द्वारा बरती जा रही लापरवाही

जोरदार बारिश के बाद भी पहाड़ में खनन का काम जारी है। बरसात के दिनों में पहाड़ों में ब्लास्ट पर रोक रहती है लेकिन पट्टा धारकों के द्वारा नियमों को तार-तार किया जा रहा है। नियमों को ताक में रखकर खनन से श्रमिकों की मौतों का सिलसिला जारी है।

Exit mobile version