विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने चरखारी विधायक व एमएलसी को सौंपा ज्ञापन
रिपोर्ट-मुहम्मद सरफराज़
चरखारी/महोबा
बीटीसी 2024 चयन प्रक्रिया द्वारा नियुक्त शिक्षकों ने पुरानी पेंशन योजना में शामिल किए जाने की मांग की है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोएिसशन ने चरखारी विधायक एवं विधान परिषद सदस्य को ज्ञापन सौंपते हुए अध्यापकों की आवाज एवं मांग को सरकार तक पहुंचाने की अपील की है।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोएिसशन जिलाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार कुशवाहा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा,महामन्त्री राममोहन मिश्रा,उपाध्यक्ष रूद कुमार कौशिक,कोषाध्यक्ष उमाशंकर सोनी,राघवेन्द्र सिंह,विनोद कुमार अग्रवाल,शाहिद हुसैन, रविन्द्र सिंह सहित आधा सैकड़ा अध्यापकों ने चरखारी विधायक डॉ बृजभूषण राजपूत एवं विधान परिषद सदस्य जितेन्द्र सिंह सेंगर को अलग अलग ज्ञापन सौंपते हुए विशिष्ट बीटीसी 2004 को पुरानी पेंशन योजना में शामिल किए जाने की मांग उठाई है। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान शिक्षकों ने बताया कि वित्त विभाग के शासनादेश दिनांक 28.06.2024 के कम में विशिष्ट बी.टी.सी. 2004 चयन प्रक्रिया द्वारा नियुक्त शिक्षक/शिक्षिकाओं को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित करने का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शासनादेश दिनांक 28.6.2024 द्वारा निर्णय लिया गया गया है कि ऐसे कर्मचारी/ शिक्षक जिनकी नियुक्ति ऐसे रिक्त पदों के सापेक्ष हुई है जिसकी भर्ती, नियुक्ति का विज्ञापन नई पेंशन योजना (एन०पी०एस०) पेंशन लागू होने की अधिसूचना दिनांक 28.03.2005 से पूर्व जारी हुआ हो, को विकल्प लेकर पुरानी पेंशन योजना से आच्दादित किया जायेगा। मुख्यमंत्री द्वारा सदन में घोषणा की गयी थी कि उक्त श्रेणी के 70,000 शिक्षक/कर्मचारी लाभान्वित होंगे जिनमें अधिकतर शिक्षक हैं। 70,000 में से लगभग 40,000 बेसिक शिक्षकों को भी लाभ मिलना था। लेकिन अब शासन उक्त योजना का लाभ का पात्र नहीं मान रही है जो कि न्याय संगत नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि यदि 40,000 बेसिक शिक्षकों को विकल्प का लाभ नहीं दिया जायेगा तो मुख्यमंत्री द्वारा सदन में की गयी घोषणा पूरी नहीं हो पायेगी। दिसम्बर 2005 में नियुक्त ऐसे शिक्षकों के एन. पी.एस. खाते में भी अंशदान 2018 के बाद जमा किया जाना प्रारम्भ हुआ। अधिकतर जनपदों में एन.पी.एस. खाते अभी भी नहीं खुल पाये हैं। जिससे उनकी पेंशन न के बराबर होगी कई शिक्षक तो बिना पेंशन के ही सेवानिवृत्त हो गये हैं। ऐसे में उन्हे पुरानी पेंशन योजना से बाहर रखना न्याय संगत नहीं है।