Home Uncategorized सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली को करूंगा धरना प्रदर्शन : गंगाचरण रापजूत

सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली को करूंगा धरना प्रदर्शन : गंगाचरण रापजूत

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ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे सप्लाई के लिए विद्युत बोर्ड समिति के सभापति से की मांग

चरखारी/महोबा
किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं की जाती तो मैं किसान हित में बिजली विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन करूंगा। स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए उक्त आशय की जानकारी देते हुए पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई के लिए 18 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की मांग विद्युत बोर्ड के सभापति एवं एमडी से की है।
किसान नेता तथा पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने फसलों की सिंचाई के लिए 18 घंटे बिजली की सप्लाई किए जाने की मांग विद्युत बोर्ड के सभापति पंकज कुमार से भेंट करते हुए की है साथ ही बैठक में पहुंचे एमडी  से भी सप्लाई सुनिश्चित कराए जाने की मांग की है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं की जा रही है। उन्होने कहा कि इस समय फसलों की सिंचाई का काम चल रहा है और घंटो बिजली ठप्प होने से किसान रात दिन जागकर भी फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहा है तथा भारी संख्या में किसान उनसे व चरखारी विधायक से मांग करते हुए 18 घंटे बिजली की सप्लाई कराए जाने की मांग कर रहे हैं और उनकी इस जायज मांग को उन्होंने जिलाधिकारी सहित विद्युत विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखी है। श्री राजपूत ने बताया कि किसानों की विकराल समस्या को भाजपा संगठन के नेताओं के समक्ष भी रखा गया है लेकिन इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन के कानों में जूं नहीं रेंग रहा है और जिला प्रशासन व भाजपा संगठन के समक्ष बात रखने के बाद भी बिजली सप्लाई में सुधार न होने पर उन्होंने सीधे एमडी आगरा से फोन पर वार्ता की गयी है साथ ही विभाग को चेतावनी भी दी है कि अगर किसानों की समस्या का समाधान न किया गया तो वह जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन करेंगे। श्री राजपूत ने कहा बुन्देलखण्ड में अधिकांशतः जैविक खादों के साथ कम खाद के साथ फसली की बुवाई की जाती है जिसमें गेहूं जैसे फसल को कई बार पानी की आवश्यकता पड़ती है लेकिन 18 घंटे सप्लाई न मिलने के कारण किसान समुचित मात्रा में एक बार ही सिंचाई नहीं कर पा रहा है जिससे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंच रहा है और किसानों के हितों की रक्षा के लिए वह हर स्तर पर संघर्ष करते रहे हैं तथा करते रहेंगे।

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