उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में नौकर तानाशाही अपनी चरम पर है जहां अधिकारी अब धमकी देकर कार्रवाई करते हैं और जहां सांठ गांठ है वहां ये अभय वरदान दिए रहते हैं। आपको बता दे कि बीते दिनों पथरी बालू खदान के संचालक ने फोन पर सूचना दी थी कि खनिज निरीक्षक गौरव गुप्ता देर रात चेकिंग पर निकले थे जिन्होंने डंप जा रहे ट्रक पकड़ लिए थे जिसके कागजात भी थे रॉयल्टी भी वैलिड थी जिसे उन्होंने फाड़ दिया और कहा दस लाख रुपए का महीना दो नहीं खदान सीज कर देंगे जिसके दो दिन बाद खनिज अधिकारी और खनिज निरीक्षक ने लगभग चार करोड़ रूपए का जुर्माना लगा दिया। अवैध खनन पर कार्रवाई की अच्छी बात है लेकिन पूर्वाग्रसित होकर कार्रवाई का सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि लगातार हटेटी पूर्वा बालू खदान और बरियारी बालू खदान में हो रहे बर्बर अवैध खनन की सूचना दी जा रही है तस्वीरें भी भेजी जा रहीं है साथ ही मीडिया में भी प्रकाशित क्या जा रहा है लेकिन इनके कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। जिसके चलते यह सवालिया निशान खड़े हावड़ाहे हैं कि खनन विभाग पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को धता बताकर जहां से मनमानी पैसा मिल रहा है वहां ये झांकने नहीं जाते जहां से पैसा नहीं मिल रहा वहां धमकी देकर करोड़ों की कार्रवाई कर रहे हैं। जबकि हटेटी पूर्वा बालू खदान में जमकर अवैध खनन कर रहे हैं और उसे छिपाने के लिए गड्ढों को पूर देते है इतना ही नहीं जलधारा तक रोक दी है जिसका ग्रामीणों ने विरोध भी किया था वहीं बरियारी बालू खदान में बालू न होने के चलते खदान बंद कर दी गई थी लेकिन अधिकारियों के साठ गांठ से नदी की जलधारा में खनन करने की इजाजत मिल गई जिससे एक बार फिर अवैध खनन शुरू हो गया। किसान ने डीएम से शिकायत भी की है पर कोई सुनने वाला नहीं है।वहीं पर्यावरण विभाग मुफ्त की रोटियां तोड़ रहा है मानो इंलीगल माइनिंग में इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं जबकि खनन पर सारे रूल इन्हीं के हैं।*बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपया*